संक्रमण की रोकथाम के लिए सड़क पर उतरे एसडीओपी।
पुलिस कार्यप्रणाली पर दिखा परिवर्तन।
व्यापारियों तथा आने-जाने वालों को दी गई समुचित समझाएं।
काफी दिनों उपरांत मझौली पहुंचे पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुसमी मझौली आर के शुक्ला संक्रमण की रोकथाम के लिए सड़क पर उतर एक ओर जहां अनर्गल रूप से लोगों को परेशान कर रहे पुलिसकर्मियों पर पाबंदी लगाते हुए शांति और सद्भावना के साथ समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं वही मझौली मेन मार्केट में तहसीलदार मझौली बीके पटेल, थाना प्रभारी मझौली सतीश मिश्रा, एवं पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च कर व्यापारियों को समुचित समझाइश देते हुए फैल रहे संक्रमण की रोकथाम में सहयोग की अपील करते देखे गए। मीडिया के चर्चा के दौरान श्री शुक्ला द्वारा कहा गया कि हमारा पुलिस प्रशासन बड़ी मुस्तैदी के साथ पूर्व से ही काम कर रहा है हमारे पुलिस अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण कोरोना कर्फ्यू की जानकारियों से लोगों को अवगत कराते हुए समुचित कार्यवाही कर रहे हैं थाना क्षेत्र की सीमा के अनुसार सभी क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात किए गए हैं जहां आने जाने वाले लोगों से पूछताछ कर समुचित कार्यवाही की जाती है यह अलग बात है कि अन्य विभागों की कमियों का खामियाजा हमारे पुलिस प्रशासन को भुगतना पड़ रहा है । विदित हो कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान पूर्व की कार्यवाही से एसडीओपी के शिरकत के बाद काफी कुछ सुधार देखने को मिला जिससे पुलिस कर्मियों के साथ आने जाने वाले लोग एवं व्यापारियों में अलग तरह का माहौल बना रहा मेन मार्केट में फ्लैग मार्च कर व्यापारियों लोगों को समुचित समझाइश देते हुए एसडीओपी आर के शुक्ला, तहसीलदार मझौली बीके पटेल, थाना प्रभारी मझौली सतीश मिश्रा, खंड चिकित्सा अधिकारी राकेश तिवारी द्वारा संयुक्त रुप से संक्रमण की रोकथाम में सहयोग की अपील करते ही व्यापारियों में काफी कुछ सुधार देखने को मिला जो एक दूसरे को भी समझाइश देते हुए शासन प्रशासन का सहयोग करने की बात करते देखे गए। यह अलग बात रही की कुछ अवैध कारोबारी प्रशासनिक अधिकारियों से चिपक कर चल रहे थे जिसकी चर्चा भी व्यापारियों एवं लोगों के बीच चल रही थी बता दें कि मझौली क्षेत्र के अवैध रूप से व्यापार करने वाले एकाध लोग प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह कर हमेशा उनके पास रहकर अवैध कारोबार चला रहे हैं जिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देना अति आवश्यक है इससे ना केवल चर्चा का विषय बना हुआ है बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी लोगों की संदिग्धता के घेरे में बदनाम हो रहे हैं।