सील हुई अवैध रूप से संचालित आशीर्वाद क्लीनिक मझौली


 सील हुई अवैध रूप से संचालित आशीर्वाद क्लीनिक।


राजस्व पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्यवाही।


उपखंड मझौली अंतर्गत नगर परिषद मझौली की मेन मार्केट में अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को भले ही प्रशासन सील कर वाह वाही लूटने के प्रयास किया हो लेकिन जिस हिसाब से कार्यवाही की जा रही है प्रशासन पर सवालिया निशान लगता दिख रहा है आपको बता दें कि मझौली शहर सहित ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है जो ना केवल गरीब अनभिज्ञ के जान के साथ खिलवाड़ कर काली कमाई से अपना प्रभाव जमाए हुए हैं बल्कि अश्लील हरकतें करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं जिनका खबर प्रकाशन कर स्थानीय अमला को कई बार अवगत कराया जा चुका है किंतु मात्र गिने चुने इक्का-दुक्का कार्यवाही कर प्रशासन कोरम पूर्ण कर रहा है जिससे प्रशासन कहीं ना कहीं संदिग्ध ता के घेरे में है।

मिली जानकारी के अनुसार आज 16 अप्रैल को मेन मार्केट मझौली में संचालित आशीर्वाद क्लीनिक जिसका दीवाल में रजिस्ट्रेशन नंबर 16169 अंकित किया गया है वही संचालक डॉ.भुवनेश्वर द्विवेदी का नाम लिखा है जिसके क्लीनिक में खंड प्रशासन स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग संयुक्त रुप से कार्यवाही कर मात्र क्लीनिक सील कर दिया है प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वह अवैध रूप से दवा करते पकड़ा गया है जिसके पास से कोई वैध कागजात प्राप्त नहीं हुए हैं जिसके तहत कार्यवाही की गई है अब सवाल यह उठता है कि जब क्लीनिक संचालक के पास से कोई वैध कागजात नहीं पाया गया तथा अवैध रूप से दवा करते पकड़ा गया तो क्या कार्यवाही क्लीनिक सील तक ही बनती है अग्रिम कार्यवाही क्या की जाएगी जिसकी जानकारी अधिकारी देना उचित नहीं समझ रहे हैं इसके पूर्व भी खड़ौरा में संचालित मेडिकल दुकान के बगल में दवा करते पकड़े जाने पर मात्र वह कमरा सील कर दिया गया था जिसकी अग्रिम कार्यवाही शायद अभी तक लंबित है प्रशासन की इस तरह की कार्यवाही जबकि खंड स्तर पर लगभग सैकड़ों झोलाछाप डॉक्टर मिनी नर्सिंग होम संचालित कर गरीब जनता के जान के साथ खिलवाड़ कर लूट रहे हैं जिस ओर शासन प्रशासन के नजर नहीं जा रहे हैं इसलिए प्रशासनिक कार्यवाही में लोगों का भ्रामान्त होना कहीं ना कहीं सही ठहराया जा सकता है फिर हाल कुछ भी हो पर प्रशासन द्वारा की गई इस कार्यवाही से अवैध क्लीनिक संचालकों पर दहशत का माहौल बन चुका है अब देखना यह होगा कि अग्रिम प्रयास प्रशासन का कहां तक सफल होता है या 6 महीने के लिए कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है जबकि शासन ने ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के लिए एक टीम का भी बनाई गई है लेकिन यह टीम काम के लिए नहीं सिर्फ नाम के लिए इसीलिए तो झोलाछाप डॉक्टरों की मनमर्जी तरीके से दवाई जाता लोगों की जिंदगी साथ खिलवाड़ करना उनके लिए आम बात है क्योंकि शासन और प्रशासन कहीं ना कहीं अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं है

  

क्लीनिक संचालक अवैध रूप से दवा करते पकड़ा गया है जिसके पास कोई वैध रिकॉर्ड नहीं पाया गया जिसके तहत कार्यवाही किया जा कर क्लीनिक सील कर दी गई है।

बीके पटेल तहसीलदार तहसील मझौली

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