आम तौर पर चिकित्सकों को धरती का भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि वो गंभीर बीमारियों का इलाज कर लोगों की जिंदगी बचाने का काम करते हैं। लेकिन आज हम जिस चिकित्सक के बारे में आपको बताने वाले हैं उसके बारे में कहा जाता है कि उसने लगभग 100लोगों की हत्या की और फिर इनमें से कइयों को उसने मगरमच्छों को खिला दिया। साल 2020 के जुलाई महीने में दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल ने देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था।
दरअसल देवेंद्र शर्मा उस वक्त जयपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था और पैरोल मिलने के बाद से फरार हो गया था। देवेंद्र शर्मा ने खुद अदालत में दर्जनों लोगों की हत्या की बात कबूली थी।हालांकि कहा जाता है कि उसने इससे कहीं ज्यादा लोगों को मारा था। पुलिस के मुताबिक देवेंद्र शर्मा और उसके सहयोगियों ने कई ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों को साल 2002 और 2004 के बीच लूटपाट के दौरान मार डाला था।
बताया जाता है कि इस डॉक्टर का गैंग पहले गाड़ियों को लूटता थे और फिर ड्राइवर को कासगंज के कैनाल में फेंक देता था। कहा जाता है कि कई लोगों को कैनाल के मगरमच्छ खा गए। हत्या के बाद गैंग के सदस्य गा़ड़ियों को बेच देते थे। बताया जाता है कि पैरोल मिलने के बाद देवेंद्र शर्मा ने चोरी-छिपे शादी रचा ली थी और वो दिल्ली में रह रहा था।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ था कि देवेंद्र शर्मा ने उत्तर प्रदेश में फर्जी गैस एजेंसी भी खोल रखी थी। बताया जाता है कि साल 2004 में जयपुर, बल्लभगढ़ और गुड़गांव में किडनी रैकेट के खुलासे के बाद पकड़ा गया था। बताया जाता है कि हत्या, अपहरण के कई केस देवेंद्र शर्मा के खिलाफ राजस्थान, हरियाणा, यूपी और दिल्ली में दर्ज हैं। यह सभी केस साल 2002 के बाद दर्ज हुए थे। जिसमें उसे उम्रकैद की सजा मिली थी।
देवेंद्र शर्मा राजस्थान में डॉक्टरी करते-करते कैसे कातिल बन गया इसके पीछे भी एक कहानी है। पता चला था कि एक निवेश में धोखा खाने के बाद उसने जुर्म का रास्ता चुना था। अपनी फर्जी गैस एजेंसी के लिए जब उसे सिलेंडर चाहिए होते तो वह गैस डिलिवरी ट्रक लूट लेता और उसके ड्राइवर को मार देता था। साल 1984 में देवेंद्र शर्मा ने आर्युवेदिक मेडिसिन में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद राजस्थान में क्लीनिक खोला। फिर 1994 में उसने गैस एजेंसी के लिए एक कंपनी में 11 लाख का निवेश किया लेकिन कंपनी अचानक गायब हो गई। फिर नुकसान के बाद उसने 1995 में फर्जी गैस एजेंसी खोल ली।
शर्मा ने एक गैंग बनाया जो एलपीजी सिलेंडर लेकर जाते ट्रकों को लूट लेता। इसके लिए वे लोग ड्राइवर को मार देते और ट्रक को भी कहीं ठिकाने लगा देते। इस दौरान उसने गैंग के साथ मिलकर करीब 24 मर्डर किए। फिर देवेंद्र शर्मा किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह में शामिल हो गया। साथ ही साथ ये लोग कैब ड्राइवर्स को मारकर उनकी कैब लूट लेते थे। ड्राइवर की बॉडी को नहर में फेंक दिया जाता था, और कैब को यूज्ड कार बताकर बेच दिया जाता था।