पिता एवं चाचा ने लगाया अपने दमाद एवं समधी पर हत्या करने का आरोप
पुलिस पर लगाया आरोपियों का सहयोग करने का आरोप
सीधी
जिले के थाना रामपुर नैकिन में विगत दिनों आग से जलने से हुई मृत्यृ पर पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के आधार पर आत्महत्या का प्रकरण दर्ज कर आरोपियों के विरूद्ध दहेज का प्रकरण दर्ज कर जेल दिया हैं। एसडीओपी चुरहट पर उक्त प्रकरण पर निदेघ््रशों को शामिल करने के लगे आरोप को देखते हुये पुलिस अधीक्षक ने उक्त प्रकरण की विवेचना कर रहें एसडीओपी चुरहट सीजी द्विवेदी को हटा कर, एसडीओपी कुसमी अभिनव बारंगे को नया विवेचना अधिकारी बना दिये हैं। मृतक के पिता एवं चाचा ने मीडियां से चर्चा करते हुये बताया कि मेरा दमाद एवं समधी ने मेरी लड़की की हत्या कर आत्महत्या बनाने की कोशिश की हैं। उन पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहियें। मृतक रूपा तिवारी के चाचा अम्बिका शुक्ला ने बताया कि 15 जुलाई 20 को मेरी भतीजी स्व. रूपा तिवारी की उसके पति राघवेन्द्र तिवारी पिता अनिल तिवारी एवं ससुर अनिल तिवारी पिता स्वीमीदीन तिवारी के द्वारा हत्या कर,उसकी लास पर मिट्टी का तेल डालकर, जलाया गया और आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया गया। अनिल तिवारी ने मेरे भाई को 15 जुलाई को लगभग 11 बजे ने फ ोन पर सूचना दी की आपकी लड़की ने आग लगा कर आत्महत्या कर ली हैं। मेरे भाई मूलचंन्द्र शुक्ला उस समय गुजरात में थें तो हमें फोन कर सारी घटना बताई तो मै अपने परिवार के सदस्यों के साथ अमिलई पहुंचा और मृतक रूपा तिवारी की लास देखी तो दंग रह गये। मृतक की जीभ बाहर निकली थी,उसके नाक से खून टपक रहा था और उसके सिर के बाल एवं पीठ जली हुई नही थी। लास को देख कर स्पष्ट प्रतीत होता था कि हत्या कर लास को जलाया गया और आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया गया। 18 जुलाई को मेरे भाई गुजरात से तो मै उनको लेकर रिपोर्ट लिखाने रामपुर नैकिन थाना गया तो थाना प्रभारी ने कहा कि आपके प्रकरण की जांच एसडीओपी चुरहट कर रहें है तो उन्ही के पास जाइये । तब मै चुरहट एसडीओपी के पास गया और रिपोर्ट लिखाने के लिए आवेदन दिया किन्तु उन्होंने कहा कि मै अभी आपका आवेदन नही लूगां आप लोगों को जो कहना है अपना बयान दर्ज करा दो। मै और मेरे भाई,भाभी ने अपना बयान दर्ज करा दिया और एसडीओपी साहब से अपने बयान का कापी मांगी तो वह कहे कि एफआईआर के साथ दे दी जायेगी। श्री शुक्ला ने बताया कि 30 जुलाई को एसडीओपी कार्यालय से फ ोन गया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है आप लोग आ जाइयें और जब हम लोग चुरहट एसडीओपी के पास गये तो उनके द्वारा एफ आईआर की नकल और पीएम रिपोर्ट की कापी दी गई और जब उनके अपने बयान की काफी चाही गई तो वह बोल दिये की आपको बयान की कापी न्यायालय से मिलेगी। अम्बिका शुक्ला ने बताया कि आरोपी राघवेन्द्र उर्फ सोनू तिवारी पिता अनिल तिवारी,ससुर अनिल तिवारी पिता स्वामीदीन निवासी ग्राम अमिलई,थाना रामपुर नैकिन के विरूद्ध दिनांक 29 जुलाई 2020 को आपराध क्रमांक 467/2020 धारा 498ए,304बी.34 ता.हि.3/4 दहेज प्रति.अधि. के तहत प्रकरण पंजीवद्ध किया गया। एफआईआर में हम लोगों ने जो हत्या का आरोप लगाया था वह बात का कोई उल्लेख नही किया गया। जबकि मै और मेरे भाई ने एसडीओपी चुरहट के समक्ष यह बयान दिया था कि मेरा दमाद राघवेन्द्र तिवारी एवं समधी अनिल तिवारी सादी होने के एक वर्ष बाद ही मुझसे 3 तोला सोना,एक पलसर गाड़ी और एक लाख रूपये की मांग की जाती रही है और कहां जाता रहा है कि अगर यह सब तुम लोग नही दोगें तो तुम्हारी लड़की को मार डालूगां। दहेज न देने के कारण मेरी लड़की को राघवेन्द्र तिवारी और अनिल तिवारी कई वर्षो से प्रताडि़त करते रहे है और 15 जुलाई को दोनों ने मिल कर मेरी लड़की की हत्या कर दी और लास में आग लगार,आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया गया।
अखिलेश पाण्डेय का इस केस से कोई वास्ता नही हैं: मूलचंद्र
मृतक रूपा तिवारी के पिता मूलचंद्र शुक्ला पिता वंशरूप शुक्ला ने मीडियां से चर्चा करते हुये बताया कि 31 जुलाई 20 को जो मैने पुलिस अधीक्षक सीधी को सपथ पत्र के साथ आवेदन दिया था। वह अंजाने में कुछ लोगों के द्वारा कहा-सुनी के कारण दे दिया था। जबकि इस प्रकरण में अखिलेश पाण्डेय का कोई वास्ता नही है। मै उनको जानता तक नही था किन्तु जब हमें इस बात की जानकारी हुई कि अखिलेश पाण्डेय का मेरे केस से कोई लेना देना नही है तो मै आज सोमवार को इस आशय का सपथ पत्र लिख कर पुलिस अधीक्षक सीधी को दिया और कहा कि मेरे इस प्रकरण में उनका कोई वास्ता नही हैं। मेरे प्रकरण में सिर्फ दो ही व्यक्ति राघवेन्द्र एवं अनिल तिवारी ही दोषी हैं। मीडियां को लिखित रूप पर अपना बयान देते हुये मृतक स्व.रूपा तिवारी के चाचा अम्बिका शुक्ला पिता वंशरूप शुक्ला निवासी ग्राम डांगा, थाना मझौली ने कहा कि हम लोग अखिलेश पाण्डेय को न तो जानते थें और न ही पहचानते थें। भूल वस उनका नाम आवेदन में लिख गया था। जिसका हम लोगों को पश्चाताप हो रहा है कि हम ऐसे सज्जन व्यक्ति का नाम लिये जिनका इस केस से दूर-दूर तक कोई वास्ता नही हैं। इस कारण बिना किसी के कहे आज स्वयं पुलिस अधीक्षक एवं मीडियां के समक्ष अपनी गलती स्वीकार्य कर लिये हैं।
साजिश का शीघ्र होगा खुलासा
कुछ लोगों के द्वारा मीडियां कर्मी को बदनाम करने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत पीडि़त व्यक्तियों के वेबसी का सहारा लेकर जो साजिश रची थी। उसका खुलासा शीध्र होगा। ये वही लोग है जो कि पूर्व में इस प्रकरण में रामपुर नैकिन के मीडियां कर्मी बलराम पाण्डेय को फसाने की साजिश की थी किन्तु मीडियां के दखल के कारण उनको नही फंसा सकें और उसकी से कुपित हो कर साजिस कर्ताओं ने वरिष्ठ मीडियां कर्मी का नाम उछालने का प्रयास किया हैं। सबसे प्रमुख बात तो यह है कि पीडि़त पक्ष ने जो शपथ पत्र पुलिस अधीक्षक को दिया था उसकी प्रति कैसे कथित व्यक्तियों के पास पहुंची और उनके द्वारा झूठे और मिथ्या पूर्ण आरोप सोशल मीडियां में क्यों लगाये गये।