देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण रोग के कारण इस वर्ष बड़े धूमधाम से मनाए जाने वाला काजलिया पर ग्रहण लग गया जिसके कारण लोगों में निराशा की झलक दिखी भले ही चाहे जानकारी के अभाव में मझौली नगर परिषद सहित दूरदराज से लोगों की भीड़ मझौली मार्केट में जाम की स्थिति पैदा कर दी हो पर जिस उत्साह से वे कई किलोमीटर की दूरी तय करके आए थे यहां का नजारा देख मायूसी लिए वापस घर का रुक करते रहे। बता दें कि यह राष्ट्रीय पर मझौली क्षेत्र के बीच मार्केट ने स्थित प्रसिद्ध राम मंदिर के पास भगवान राम की झांकी सजाकर मनाया जाता था यहां से झांकी निकाल कर दो तीन सौ मीटर दूरी पर स्थित तालाब कजलिया प्रवाहित की जाती है परंतु फैल रहे संक्रमण रोग के कारण प्रशासनिक तौर पर गुप्त तरीके से पुजारी को झांकी ना सजाने की हिदायत दे दी गई किंतु क्षेत्र में लोगों को इसकी जानकारी ना होने के कारण काफी संख्या दूरदराज से लोगों का आना बना रहा यहां तक की भीड़ के कारण जाम की स्थित निर्मित रही। सड़क के किनारे बीच बाजार मैं जहां स्थान बहुत कम है वहां भी फुट पंछियों का अतिक्रमण रहा यहां तक की राम मंदिर के सीढ़ियों के सामने भी लोग अपनी दुकानें सजाए रहे सबसे बड़ी बात यह रहेगी की इतने बड़े त्यौहार मैं लगने वाली भीड़ को प्रशासन नजरअंदाज करता रहा कोई भी प्रशासनिक अमला इसके प्रति शकरी नहीं लिखा लोगों की भीड़ बाजार में जमा होती रही जब लोगों से इस संबंध में पूछा गया कि क्या आप लोगों को जानकारी नहीं थी कि झांकी नहीं निकाली जाएगी तो और की बात ही छोड़िए नगर परिषद के लोग भी जानकारी ना होने के बात कही तथा छोटे-छोटे बच्चों को लेकर मार्केट में घूमते रहे इससे साफ जाहिर होता है कि चाहे मंदिर देवालओं में भले ही शासन प्रशासन ताला लॉक कराने में सफल रहे परंतु इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने में कोई रुचि नहीं दिखाई जिसके अभाव में दूरदराज से लोग आकर बाजार में एकत्रित होते रहे इस दौरान भी प्रशासन गहरी नींद में सोया रहा कोई भी विभागीय अमला यहां पर पहुंच कर लोगों को समझाइश व जानकारी देने की आवश्यकता नहीं समझा इससे साफ जाहिर होता है कि इस संक्रमण रोग की रोकथाम के लिए खंड प्रशासन कितना मुस्तैद है।
आखिर कौन है इसके जिम्मेदार:-- यदि क्षेत्रीय लोगों की माने तो उनका कहना था कि जब मार्केट में हमेशा की तरह डेली भीड़भाड़ लगी रहती है तो क्या देवी देवताओं के लिए ही लॉक डाउन का नियम प्रभावशाली है। झांकी सजाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते तो आखिर लॉकडाउन नियमों का पालन एवं कार्यक्रम संचालित करने का अनुमति की जिम्मेदारी किसकी है जब बाजार में हमेशा भीड़ भाड़ का माहौल रहता है तो क्या धार्मिक कार्यों को रोका जा कर संक्रमण से बचाव किया जा सकता है आखिर लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाने का प्रशासन उचित क्यों नहीं समझा जिस हिसाब से मझौली क्षेत्र में लोगों का बाहर से आना जाना लगा रहता है और प्रशासन आंख बंद किए हुए हैं इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं दैविक शक्ति ही क्षेत्रवासियों के रक्षा कर रहे हैं जिनके कार्यों में शासन प्रशासन द्वारा रुकावट डालना समझ से परे है