निलंबित सचिव सरपंच के पति जो शिक्षक हैं तथा भ्रष्टाचारी उपयंत्री राजेंद्र वर्मा कर रहे नौढिया ग्राम पंचायत की जांच जबकि जिला सीईओ द्वारा पत्र जारी कर सीीओई मझौली को जांच कर 26 जून को कार्यालय में प्रस्तुत होने को कहा गया था जो खुद तीन 4 मीटर दूर बैठे थे लोगों का बयान खुद ग्राम पंचायत के उपयंत्री राजेंद्र वर्मा लिख रहे थे तथा सरपंच पति जो पेशे से शिक्षक भी हैं पास में बैठ कर बयान लिख रहे थे तथा सचिव हिमांशु गुप्ता जिन को निलंबित किया गया है खुद वहां मौजूद थे एवं लोगों को बयान लिखवाने के लिए समझाइश दे रहे थे जिसकी भनक मीडिया को लगी जब मीडिया वहां पर पहुंची तो जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी सहित सरपंच पति व सचिव हिमांशु गुप्ता चौक कर इधर-उधर छिपने की कोशिश करने लगे तथा सी ई ओ चुपचाप नीचे सिर झुका कर बैठे नजर आए यहां तक कि सीईओ अपनी गाड़ी से नहीं गए थे दूसरे की गाड़ी से गए हुए थे ताकि लोगों को पता ना ना चले किसी सीईओ जांच में आए हैं जिस दिन मेड बंधान कार्य ट्रैक्टर और नाबालिगों से कराया जा रहा था उस दिन भी सीईओ मझौली को 7:30 बजे के लगभग वीडियो भेजा गया था मीडिया के जनपद कार्यालय पहुंचते-पहुंचते ग्राम पंचायत सचिव हिमांशु गुप्ता अपने मारुति कार से तीन चार बोरी सामान लेकर सीओ के रूम में 9:00 बजे के लगभग पहुंच चुके थे जो मीडिया के कैमरे में कैद हो गए खबर प्रकाशन के बाद सचिव को निलंबित करते हुए सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तथा सी ई ओ मझौली खुद अपनी जिम्मेदारी से दूर भागते नजर आए जिसके कारण सीईओ को भी नोटिस जारी की गई इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सजग हैं सरपंच पति व उसी पंचायत में पदस्थ उपयंत्री राजेंद्र वर्मा जिन का स्थानांतरण 1 हफ्ते पूर्व होने की चर्चा है उसके बाद भी आखिर ऐसा क्या मोह फंसा है की आज तक उनको रिलीव नहीं किया गया वरिष्ठ अधिकारी अगर ऐसे लोगों को बढ़ावा देते रहेंगे तो आम जन को सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे मिल पाएगा
निलंबित सचिव आरोपी सरपंच के पति जो शिक्षक हैं तथा भ्रष्टाचारी उपयंत्री राजेंद्र वर्मा कर रहे हैं नौढिया ग्राम पंचायत की जांच सीईओ की भूमिका संदिग्ध