पंचायतों में जा रही घटिया निर्माण कार्य ठेकेदार ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है कार्य जिम्मेदारों की भूमिका संदिग्ध
लाख डाउन समय अवधि में जहां शासन गरीबों मजदूरों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य पंचायतों में कार्य चालू कराया गया है वहीं विभागीय अधिकारी कमीशन के बल पर ठेकेदारी प्रथा चालू कर रखें कार्यों में अधिकतर मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है वहीं कुछ अधिकांश पंचायती कार्य ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है जिसमें मशीनों एवं अपने परमा मेंट लेबर मिस्त्री चाहे भले ही वह किसी नगर यह दूसरे पंचायत का हो उससे घटिया कार्य करा रहे हैं गांव वालों का कहना है कि हम लोग विरोध कर देते हैं इसलिए काम में काम में नहीं लगाते हैं जिसका ताजा मामला ग्राम पंचायत जावरा जनपद पंचायत मझौली के निर्माणाधीन चक दे में कूदे देखने को मिला है जहां पर मिट्टी युक्त बालू उसी नाले से निकालकर उपयोग किया जा रहा था मशीनरी का उपयोग कर बाहर से बाहर के लिए बड़ों से कंक्रीट का कार्य ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है जो लगभग 10 से 12 के रेशियो का प्रतीत हो रहा है जिसकी बाहर से तेज रेश्यो से पुताई कर ढक दिया गया है यहां पर ना तो पंचायत का कोई कर्मचारी मिलाना ही क्वालिटी कंट्रोलर विभाग आर स का मिला बता दें कि उपयंत्री द्वारा पूर्णरूपेण छूट दी गई है जिस उपयंत्री को इसका जिम्मा सौंपा गया वह हमेशा सीधी में निवास करते हैंजो किसी टाइम आकर अपना कमीशन समेत समेटकर सीधी वापस चले जाते हैं जिससे जिम्मेदार विभाग की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है आपको बताते चलें जब मीडिया द्वारा जीरो ग्राउंड पर कार्य का जायजा लिया गया देखने को मिला जहां गेहूं खेतों में बोला जाता है वहां से बालू का खनन कर जो शुद्ध मिट्टी है उसका उपयोग किया जा रहा है एसडीओ आर्य से बात करनी चाही गई आर्यस एसडीओ अपना पल्ला झाड़ते हुए भागते नजर आए