बीपीएल नाम जुड़ने के लिए 10000 की माग मड़वास नायब तहसीलदार संजय मेश्राम पर लगा आरोप।5000हजार रूपये ले चुके हैं नायब तहसीलदार
मामला उप तहसील कार्यालय मड़वास का है जहां एक गरीब ब्राम्हण परिवार के मुखिया द्वारा नायब तहसीलदार मड़वास संजय मेश्राम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। जोडौरी ग्राम पंचायत हड़वार निवासी रामानंद तिवारी द्वारा मीडिया को अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि मैं अति गरीब है मेरे जगह जमीन नहीं है पूर्व में बीपीएल का सदस्य था आईडी अलग हो जाने के कारण तहसील कार्यालय मड़वास में बीपीएल में नाम जुड़वाने का आवेदन दिया था सर्वेक्षण भी करा लिया गया लेकिन तीन-चार माह बीत जाने के बाद भी पात्र होते हुए मेरा नाम नहीं जोड़ा गया मैं ऑनलाइन शिकायत किया तब मुझसे नाम जोड़ने की एवज मे तहसील कार्यालय में ₹10000 की मांग की गई मैं दो-चार दिन में व्यवस्था करके 5000 दे भी आया । फिर भी नाम नहीं जोड़ा गया जब मैं पुनः कार्यालय पहुंचा तो मुझे बोला गया कि शिकायत कटवा दो और पैसा पूरा दे दो तो आपका नाम जोड़ दिया जाएगा अन्यथा भटकते रह जाओगे। तब से मैं निराश होकर के घर में बैठे है आप लोगों के माध्यम से शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आग्रह करते हैं कि मुझ गरीब पर दया दृष्टि रखते हुए न्याय दिलाई जाए