मझौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल,
14 दिन की पैदल यात्रा कर मुम्बई से गांव पहुंचे युवक की चेकपोस्ट पर हुई पिटाई।
कोरेंटिन सेंटर में कोरे कागज में कराई गई दस्तखत दी गई धमकी।,
मामला मझौली पुलिस थाना मझौली अंतर्गत चेकपोस्ट चमराडोल का है,जहां पर 14 दिन की पैदल यात्रा कर गांव के चेक पोस्ट चमराडोल पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा अपराधियों की तरह पीटा गया, उसका बस इतना कसूर था कि पुलिस के डर से बघवार से आना बताया गया, जबकि उनके परिवार के लोगों द्वारा सही जानकारी दी गई साथ ही उसके परिवार के मार्तंड चतुर्वेदी के साथ भी बदसलूकी की गई। पीड़ित कृष्ण कुमार चतुर्वेदी निवासी नगर परिषद मझौली गाँव चुवाही के द्वारा बताया गया कि मैं 13- 14 दिन से बॉम्बे से पैदल चलकर 28 अप्रैल को शाम 8:00 बजे चमराडोल पहुंचा,जहां पर पुलिस द्वारा पूछे जाने पर मैं डर के कारण बता दिया कि बघवार से आ रहे हैं ,जब मुझे बैठा लिया गया तो मैं अपने भाई मार्तंड चतुर्वेदी को बताया कि आप बता दीजिए जब उनके द्वारा बताया गया होगा तो दो पुलिसकर्मी हमे मारने लगे। करीब 8:10 डंडे मारे हैं, हमारे भाई के साथ भी बदसलूकी किए हैं । मैं चाहता हूं कि यदि शासन प्रशासन में थोड़ी भी मानवता बची हो तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाए।मीडिया के बयान लेने के बाद कुछ ही देर बाद स्वयं पीड़ित द्वारा एक वीडियो जारी किया जा कर आरोप लगाया गया कि पुलिस अधिकारियों द्वारा कोरेंटिन सेंटर में आकर मुझसे कोरे कागज में हस्ताक्षर कराते हुए धमकी दी गई है कि यदि किसी से शिकायत किए तो तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही कर देंगे। हम काफी डरे हुए हैं आप लोगों से मदद चाहता हूं इस दौरान यदि हमें कुछ होता है तो मझौली पुलिस ही जिम्मेदार होगी।