अपराधियों के हौसले बुलंद दहशत में लोग व कर्मचारी पुलिस प्रशासन पर लग रहे सवालिया निशान।

अपराधियों के हौसले बुलंद दहशत में लोग व कर्मचारी


पुलिस प्रशासन पर लग रहे सवालिया निशान।


मामला पुलिस थाना मझौली का है जहां विगत कुछ दिनों से पुलिस व्यवस्था पूर्ण रूप से पटरी से उतरी हुई है जिसे सुधार करने के बजाय दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है ऐसे हालात दिखाई दे रहे हैं बता दे की शुरू शुरू में जब प्रशिक्षु डीएसपी को मझौली थाने का प्रभार दिया गया था उस समय लगा कि मझौली में पुलिस व्यवस्था सुदृढ़ होगी लेकिन चंद दिनों में यह व्यवस्था चरमराती हुई प्रतीत होने लगी ।इस समय जबकि देश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है क्षेत्र में अपराधियों का बोला वाला है जिन पर पुलिस लगाम लगाने में असफल है। एक ओर जहां सूचना के बावजूद पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंच रही है वहीं शासकीय कर्मचारियों को एफ आई आर दर्ज कराने के लिए वरिष्ठ कार्यालयों का सहारा लेना पढ़ रहा है वहीं किसी भी अपराध की जानकारी देने के बावजूद भी थाना प्रभारी द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है ।जिसका ताजा मामला ग्राम पंचायत सचिव ताला के ऊपर हुए हमले एवं गांव खड़ौरा के होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों का है। विदित हो कि आज से 15 दिवस पूर्व मझौली जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत ताला सचिव हरिहर विश्वकर्मा,रोजगार सहायक प्रदीप तिवारी, व चौकीदार सुखनंदन कोरी पर पंचायत भवन के अंदर युवकों द्वारा हमला किया गया था जिसकी रिपोर्ट अनुविभागीय अधिकारी मझौली के शिरकत के बाद तो दर्ज की गई किंतु अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। पंचायत कर्मी काफी दहशत के बीच कार्य करने को मजबूर हैं 13 अप्रैल को पुनः पंचायत कर्मियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को पत्र सौंप जान हानि के सुरक्षा करते हुए आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग किए हैं। इस संबंध में जब थाना प्रभारी मझौली से जानकारी चाही गई तो उनका वक्तव्य आया की नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है अब सवाल यह उठता है कि जब फरियादी द्वारा वीडियो क्लिप उपलब्ध कराते हुए एफ आई आर कराई गई है तो 15 दिवस बीत जाने के बाद भी कार्यवाही पूरी नहीं की गई कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा हो रहा है। वही 17 अप्रैल को खड़ौरा निवासी साहू परिवार को जो बाहर से आया था अधिकारियों द्वारा होम क्वॉरेंटाइन किया गया था जिसके घर के दीवाल पर पंचायत  द्वारा लेखन तथा अनुविभागीय अधिकारी का पत्र चस्पा किया गया था जिसे आरोपी द्वारा प्रशासनिक टीम के जाते ही दीवाल की पुताई करते हुए एसडीएम द्वारा चस्पा किया गया लेटर फाड़ दिया गया तथा गांव में घूमने लगा । जिसकी सूचना थाना प्रभारी को दी गई लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद अभी समाचार लिखे जाने तक  किसी तरह से कोई कार्यवाही नहीं की गई इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं पुलिस की निष्क्रियता अपराधियों के हौसले बुलंद कर रही हैं। जिससे एक और जहां लोग कोरोना संक्रमण से भयभीत हैं। वही अब अपराधियों का आतंक काफी दहशत में डाल रखा है। समाचार पत्र के माध्यम से लोगों द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की गई है


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