सुरक्षा व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं प्रशासन ।पोषण पुनर्वास केंद्र में रह रहे मरीजों तक को नहीं उपलब्ध कराया गया जा सका मास्क व सेनेटाइजर।
:--एक ओर जहां भारत सरकार देश में फैल रहे कोरोना जैसे घातक संक्रामक महामारी से रोकथाम के लिए देश में जनता कर्फ्यू के साथ पुरे देश को लॉकडाउन किया गया है वही जमीनी हकीकत को देखा जाए तो इस संक्रामक रोग से बचाओ के लिए अति आवश्यक सामग्री मास्क व सेनेटाइजर तक क्षेत्र में अभी तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। यहां तक कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली के पोषण पुनर्वास केंद्र में रह रहे मरीजों तक को भी इस संक्रामक रोग के बचाव के लिए अभी तक कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है ।जबकि ए मरीज 1 हफ्ते से अधिक दिनों से अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ रह रहे हैं। हमारे जागरण टीम द्वारा जब इसका जायजा लिया गया तो चार पांच की संख्या में महिलाएं पोषण पुनर्वास केंद्र के दरवाजे पर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पास पास बैठ के वार्तालाप कर रही थी जिनके पास मास्क तक नहीं उपलब्ध था ।जब इनसे चर्चा की गई तो इनके द्वारा बताया गया कि हम लोगों को किसी तरह से कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है ना ही कुछ बताया गया है यह भी बता दे कि क्षेत्र में लॉकडाउन मजाक बना हुआ है पुलिस बैरी गेट के माध्यम से लॉकडाउन कार्य पूर्ण किया जा रहा है जबकि प्रशासन द्वारा जारी आदेश में चेक पोस्ट लगाकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आने जाने वाले लोगों का जांच करेंगे लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम कहां किस स्थान पर रहती है पता नहीं ।पुलिस विभाग के कर्मचारी सड़क पर वेरीगेट लगाकर लॉक डाउन का कोरम पूर्ण कर रहे हैं। पुलिस विभाग के आला अधिकारी गाड़ियों में घूम घूम कर
जहां लॉक डाउन का पालन कराने में जुटे हुए हैं वहीं अन्य विभाग इसमें सक्रिय नहीं दिख रहा है केवल औपचारिकता पूर्ण करने में जुटा हुआ है।
खंड चिकित्सा अधिकारी भी दिखे चिंतित ------विगत 23 मार्च को जब हमारी टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली पहुंचकर खंड चिकित्सा अधिकारी राकेश तिवारी से उपलब्ध कराई गई व्यवस्था के बारे में चर्चा की तो खंड चिकित्सा अधिकारी काफी चिंतित दिखे उनके द्वारा बताया गया कि एक मशीन व्यवस्था के तौर पर अभी उपलब्ध है वह भी रेलवे स्टेशन मड़वास के लिए दी गई थी किंतु ट्रेनों की आवा --जाही रुक जाने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली के उपयोग में लाई जा रहे हैं फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव गांव में घूम घूम कर स्वास्थ्य परीक्षण कर समुचित संसाधन से बचाव किए जाने का समझाइश दे रही।
इनका है कहना
1- हम यहां 13 दिन से रह रही हू मुझे कुछ भी बचाव सामाग्री नही मिली है 7-8लोग है।
सीताकाली निवासी बकवा
2-हम लोग 7-8 की संख्या में 12-13 दिन से रह रही हूँ हम लोगो को सक्रमण रोग के बचाव के लिए साबुन के अलावा कुछ भी नही दिया गया है।
नीतू सिंह निवासी अतरैला
3--हमे एक मशीन मिली है वह भी जो मड़वास रेलवे के लिए आई थी रेल का आवा जाहि बन्द होने के कारण हम उपयोग कर रहे है गाँव मे जाकर चेक कर रहा हूँ तथा लोगो को समुचित साधन से बचाव करने की समझाइस दे रहा हूँ।
राकेश तिवारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी मझौली