*एनसीएल की 3 परियोजनाओं ने समयपूर्व हासिल किया कोयला उत्पादन लक्ष्य*
*जयंत, खड़िया व झिंगुरदा परियोजना ने प्राप्त किया वार्षिक कोयला उत्पादन लक्ष्य*
*चितरंगी सिंगरौली:---*-सिंगरौली जिले की नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की जयंत, खड़िया व झिंगुरदा परियोजनाओं ने निर्धारित समय से पहले अपना कोयला उत्पादन का लक्ष्य पूरा कर लिया है। एनसीएल के 2 बड़ी परियोजनाएं जयंत व खड़िया ने सोमवार को अपना लक्ष्य हासिल किया व झिंगुरदा ने पूर्व में ही अपना उत्पादन पूरा कर लिया था ।
*जयंतयोजना ने प्राप्त किया लक्ष्य*
चालू वित्त वर्ष में जयंत परियोजना को 18.50 मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य दिया गया था जिसको सोमवार तक परियोजना ने प्राप्त कर लिया ।
*खड़िया परियोजना ने की लक्ष्य प्राप्ति*
ज्ञात हो कि खड़िया परियोजना को 12.50 मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य दिया गया था जिसको सोमवार तक परियोजना ने 12.51 मिलियन टन कोयला उत्पादन करके पीछे छोड़ा ।
*लक्ष्य हासिल करने वाली पहली परियोजना होने का गौरव*
इसी क्रम में एनसीएल की झिंगुरदा परियोजना ने दिये गए वार्षिक कोयला उत्पादन लक्ष्य 2.10 मिलियन टन का पीछा करते हुए उत्पादन व प्रेषण के दोनों लक्ष्यों को हासिल किया एवं एनसीएल की लक्ष्य हासिल करने वाली पहली परियोजना होने का गौरव हासिल किया।
*सीएमडी व निदेशकमंडल ने दी बधाई*
एनसीएल सीएमडी श्री पी.के. सिन्हा एवं निदेशकमंडल ने सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधक एवं उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी है और उम्मीद जाहिर की है कि कंपनी की अन्य कोयला परियोजनाएं भी समय से या समय रहते अपने वार्षिक लक्ष्य पूरा करेगी और कंपनी न केवल चालू वित्त वर्ष में अपने 106.25 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं प्रेषण के लक्ष्य को प्राप्त करेगी वरन राष्ट्र की ऊर्जा ज़रूरतों के दृष्टिगत लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन करेगी l
आपको बताते चलें कि कोयला उत्पादन व प्रेषण में शानदार प्रदर्शन करते हुए नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित्त वर्ष में अपने ही पिछले वित्त वर्ष में बनाए गये कोयला उत्पादन एवं प्रेषण के रिकॉर्ड को पार कर नया कीर्तिमान स्थापित कर लिया है।
एनसीएल ने कुछ दिवस पूर्व में 101.66 मिलियन टन कोयला उत्पादन व 102.31 मिलियन टन कोयला प्रेषण कर अपने पिछले 101.50 मिलियन टन उत्पादन व 101.59 मिलियन टन कोयला प्रेषण के रिकॉर्ड को तोड़ा।
*चितरंगी सिंगरौली से बी. पी. सिंह के साथ शशि कुशवाहा की रिपोर्ट*