छात्रावासी बच्चों का हो रहा शोषण पहुंच और कमीशन पर अधीक्षक जमाए हुए अपना प्रभाव शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कोई कार्यवाही

छात्रावासी बच्चों का हो रहा शोषण


पहुंच और कमीशन  पर अधीक्षक जमाए हुए अपना प्रभाव


शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कोई कार्यवाही


 मामला आदिवासी छात्रावास भदौरा का


 मझौली, मामला सीधी जिले के कुसमी आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र भदौरा का है, जहां पर हायर सेकेंडरी स्कूल भदौरा के परिसर में ही संचालित आदिवासी छात्रावास का प्रभार विगत 6-7 वर्षों से  आदिवासी विभाग द्वारा राजनीति में पहुंच रखने वाले व आर्थिक स्थित में भी प्रभाव सील पिछड़ा वर्ग के प्राथमिक शिक्षक गिरिराज शरण जायसवाल को दिया गया है। जबकि इसी विद्यालय में कई आदिवासी वर्ग के शिक्षक पदस्थ हैं । फिर भी उन्हें विभाग द्वारा नजर अंदाज किए हुए है । वैसे तो सीधी जिले में देखा जाए तो ज्यादातर छात्रावास सामान्य पिछड़ा वर्ग के कब्जे में हैं , यदि लोगों की माने तो इस समय के छात्रावास, कमीशन की बोली पर संचालित हैं। जिले में जो जितना अधिक कमीशन देता है, उसी को छात्रावास का प्रभार दे दिया जाता है। जबकि शासन के नियमों अनुसार ज्यादातर एससी -एसटी वर्ग के शिक्षकों को देने को है। लेकिन जिले में पदस्थ कर्मचारी शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए ज्यादातर छात्रावासों का प्रभार सामान्य वर्ग व पिछड़ा वर्ग के हवाले कर छात्रावासी बच्चों का शोषण कराया जा रहा है ।जिसका ताजा मामला आदिवासी छात्रावास भदौरा में देखने को मिला ग्रामीणों द्वारा मीडिया के लोगों को बताया गया कि भदौरा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल प्रांगण में संचालित छात्रावास फर्जी छात्रों से संचालित है। जो अक्सर बंद रहता है। यहां कभी कभार 10 से 12 बच्चे रहते हैं । लोगों के बताए अनुसार विगत 12 मार्च को छात्रावास का जायजा लिया गया। जिसमें ग्रामीणों का कहना सत्य निकला। छात्रावास के गेट में ताला लटका हुआ था, चैकीदार भी वहां उपस्थित नहीं था, ना तो 1 बच्चे थे, पूर्ण रूप से सन्नाटा पसरा हुआ था। साफ सफाई की मानें तो छात्रावास की स्थिति ऐसी दिखी, जैसे कई वर्षों से इस की पुताई तक ना कराई गई हो। वहीं ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इसकी शिकायत हम लोग मुख्यमंत्री सहित कलेक्टर  सहित सहायक आयुक्त सीधी, आयुक्त भोपाल व आंनलाईन षिकायत क्रमांक 8929567, 9614253, 10037996, 9971165, 9919678, 9977575, 9530685, 10179028 आदि तक कर चुके हैं। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। कलेक्टर के पास शिकायत लेकर गए थे ।कलेक्टर सीधी द्वारा संचालक के के पांडे को जांच के लिए लिखा गया था, लेकिन आज दिनांक तक कोई जांच कार्यवाही नहीं की गई जबकि छात्रावास में इतना भ्रष्टाचार है कि छात्रों की छात्रवृत्ति ट्रेडर्स के खाते में डालकर आहरित की गई है। इस संबंध में जब हम लोग संचालक से मिलकर शिकायत की जांच के लिए आग्रह किया तो उनका कहना था की जांच नहीं होगी जहां जहां आप लोगों को शिकायत करना है कर लो। हमारा कुछ बनने बिगड़ने वाला नहीं है। संचालक के इस रवैए से बच्चों सहित ग्रामीणों को आघात पहुंची है ।तथा सरपंच का कहना था कि हम ग्राम वासियों के साथ छात्रावास के अधीक्षक को बदलने के लिए चक्का जाम तक भी कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है । हम चाहते हैं कि समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित की जाए और कार्यवाही कराई जाए। इस छात्रावास में रह रहे बच्चों का काफी शोषण किया जा रहा है।


 


लाखों का किया गया गोलमाल-


यदि शिकायतकर्ता के दिए गए शिकायती पत्र जो कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी कलेक्टर सीधी आदि का गौर किया जाए तो यह छात्रावास 50 सीटर है । एक माह की एक छात्र की शिष्यवृत्ती 1140 रुपए के दर से एक माह की रू.57000 विभाग द्वारा प्रदान की जाती है। जिसमें 10 माह में रू.570000 संस्था को प्राप्त होते हैं, जो करीब छह-सात वर्षो से जमे अधीक्षक गिरिराज जयसवाल द्वारा डकार ली जाती है। यहां तक कि इस इस शिष्यवृत्ती की राशि वर्ष 2018 की चेक क्रमांक 610 933 से 1165 18 रुपए एस के ट्रेडर्स गोतरा के नाम आरटीजीएस कर आहरित कराई जा चुकी है। जबकि ट्रेडर्स में गिट्टी बालू सीमेंट व सरिया आदि मटेरियल सप्लाई किए जाते हैं, शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि अधीक्षक अपना घर बनवाने के लिए सामान लिए थे, जिस राशि का भुगतान छात्रों की शिष्यवृत्ती से की गई है। कई छात्र भी शिकायत पत्र के माध्यम से फर्जी हाजिरी भर कर षिषु वृत्त की राशि आहरित करने की शिकायत किए हैं। इस तरह यदि ग्रामीणों और बच्चों की मानें तो 6 वर्षों से पदस्थ अधीक्षक हर वर्ष  शासन को रू.500000 से ज्यादा राषि को बंदरबांट कर रहे हैं। यदि 05 लाख रूपये हर वर्ष के हिंसाब से 06 वर्ष में रू.3000000 से अधिक राशि का शासन को चूना लगा चुके हैं। शिकायतकर्ता का कहना था कि यदि समुचित ढंग से इसकी जांच की जाती है तो शासन की रास वसूली के साथ अधीक्षक को जेल की हवा खानी पड़ सकती है।


इनका है कहना


1- हम लोगों ने छात्रावास में हो रहे भ्रष्टाचार व बच्चों के शोषण की शिकायत कई जगह कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है । ए सी का कहना है कि इसकी जांच लोकायुक्त में चल रही है यही कहकर टाल देते हैं ।एक वर्ष से लगातार शिकायत हो रही है,आज तक किसी तरह की जांच नहीं हो पाई


श्रीकांत शुक्ला निवासी भदौरा


 


2- छात्रावास में दर्ज बच्चों के अभिभावक काफी असंतुष्ट हैं । छात्र व अभिभावक भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे प्रभारी अधीक्षक का मनोबल बढ़ रहा है।


अमरेंद्र सिंह भदौरा


3- छात्रावास प्रभारी द्वारा किए जा रहे बच्चों के शोषण एवं भ्रष्टाचार की शिकायत हम उच्च स्तर तक कर चुके हैं, लेकिन किसी तरह से कोई जांच कार्यवाही नहीं की गई कलेक्टर से शिकायत किए थे । कलेक्टर द्वारा ए सी को लिखा गया था, लेकिन ए सी द्वारा आज तक किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई।


अर्जुन सिंह भदौरा


 


4- यहां के भ्रष्टाचार और शोषण को तो छोड़िए यहां से बच्चा भी बेचा जा चुका है,आज से दो-तीन वर्ष पूर्व ज्ञानेंद्र प्रजापत इसी हॉस्टल में रहता था जो लापता है उसका कोई अता-पता नहीं है और सारी व्यवस्था तो आप लोग खुद ही देख लीजिए यहां का हमेशा यही हाल बना रहता है।


लल्ला प्रजापति शंकरपुर


5-यह सच है कि भदौरा छात्रावास फर्जी छात्र दर्ज कर फर्जी हाजिरी से शासन की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है जो भी बच्चे आते हैं उनको भी उचित सुविधा नहीं दी जाती है।अधीक्षक को बदलने के लिए चक्काजाम भी किया जा चुका है लेकिन किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई।


सरपंच पति बलिराम कोल भदौरा


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