*हल्का पटवारी की मनमानी काश्तकारों की परेशानी* *
चितरंगी सिंगरौली :----- सिंगरौली जिले की तहसील चितरंगी अंतर्गत ग्राम बड़कुड में पदस्थ हल्का पटवारी रमेश चंद्र तिवारी कभी भी हल्के में नहीं जाते जिससे वहां की जनता काफी परेशान है अपने कार्यों को लेकर पटवारी साहब को बराबर पूरा समय अपना उनको ढूंढने में ही बिता देती है l पर एक पटवारी साहब है कि जनता से मुखातिब होना ही नहीं चाहते उनका काम ही नहीं करना चाहते जिससे जनता अपना काम लेकर तहसील न्यायालय में भी आती है और दिन भर पटवारी साहब के इंतजार में रहती है शाम को फिर मायूस होकर उनको अपने घर लौट जाना उनकी मजबूरी हो गई है पटवारी साहब कहां रहते हैं इसका पता नहीं जनता अपने कामों को लेकर तहसील न्यायालय में आती है पटवारी प्रतिवेदन लगवाने आय जाति निवास खसरा वी वन आदि कार्यों को कराने आती है काम ना होने से शाम को मायूस होकर पुनः लोग अपने अपने घर लौट जाती है
आपको बता दें कि चितरंगी तहसील अतर्गत आने वाला बड़कुड़़ पटवारी हल्का जो आजकल माइनिंग का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है जिस पर बड़े उद्योगपति, व्यापारियों के कारखाने स्थापित होने के चलते जिले से लेकर उपखण्ड तक के आला अधिकारियों की नजरें रहती हैं पर हल्का पटवारी रमेशचंद्र तिवारी गत कई माह से हल्के में गए ही नहीं जिसके चलते कास्तकार पटवारी से काफी परेशान है एवं काश्तकारों में आक्रोश भी देखा जा रहा है l वही हल्का पटवारी रमेश चंद्र तिवारी से पूछे जाने पर श्री तिवारी द्वारा बताया गया कि मुझे बड़कुड हल्के का प्रभाव जरूर प्राप्त है परंतु मेरी पदस्थापना चितरंगी तहसील मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर ग्राम झोखों पटवारी हल्का झोखों में की गई है तथा मेरे पास और भी कई हल्के का अतिरिक्त प्रभार प्राप्त हैl जिस कारण में बड़कुड़ हल्के में नहीं पहुंच पाता हूं एवं नाही मेरे लिए पहुंचकर कार्य कर पाना संभव हैl इसलिए मैं कार्य करने में असमर्थ हूं l विचारणीय प्रश्न यह है कि अगर हल्का पटवारी काश्तकारों का कार्य नहीं करते हल्के में नहीं जाते तो क्यों नहीं ऐसे पटवारी को हटाकर दूसरे पटवारी की पदस्थापना की जाती जबकि पिछले वर्ष लगभग साठ सत्तर नवीन पटवारियों की पदस्थापना तहसील चितरंगी में की गई है फिर भी पटवारियों के ऊपर अतिरिक्त प्रभार का देना समझ से परे है देखना यह है कि क्या जनता इसी प्रकार से अपने कार्यों को लेकर भटकती रहेगी या फिर आने वाले समय में दूसरे की पटवारी की पदस्थापना की जाकर काश्तकारों का सुचारू रूप से कार्य होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा l रिपोर्ट:-- बी.पी. सिंह चितरंगी