बारिश के साथ जमकर गिरे ओले,किसानों की बढ़ी बेचैनी,अरहर,सरसो, चना आदि के साथ गेहूँ की फसल चौपट -

बारिश के साथ जमकर गिरे ओले,किसानों की बढ़ी बेचैनी,अरहर,सरसो, चना आदि के साथ गेहूँ की फसल चौपट -


विगत दिनों मंझौली-कुसमी ब्लॉक में बारिश के साथ गिरे 40 से 50 एमएम केओलो से जहां किसानों की फसल चौपट हो गई वही गरीबो के आशियाने उजड़ गए।जिस से गरीब किसानों के सामने संकट के बादल छाए हुए है।इन्हें किस हिसाब से राहत राशि मिल पाएगी फिर हाल भगवान ही मालिक है। परंतु गरीब, किसान अपनी ब्यथा सुनाने शासकीय अपसरो के दप्तरो का चक्कर लगाने लगे है।बता दे कि बिगत इस वर्षो के अपेक्षा इस वर्ष रबी फसल पैदावार काफी अच्छी थी। उस लहलहाती फसल को देख किसान का मन प्रभुल्लित हुआ करता था।परन्तु विगत 23 फरवरी की रात्रि लगभग 9 से 10 के बीच मझौली-कुशमी ब्लाक कई गाँवो मे बारिश के साथ 40 से 50 एमएम के लगभग 10 से 20 मिनट तक गिरे ओलो ने किसान की खुशियां समेट ली जिसमे रबी सीजन की फसल अरहर ,मसुरी, सरसो,चना आदि के साथ गेहूँ फसल की काफी नुकसानी हुई है।वही  गरीब मजदूर ,किसानों के घरो में लगें खपड़े ओला के गिरने से चकनाचूर हो गए है।जिससे उनके रहने वाले आशियाने उजड़ चुके है। इस अतिबृष्टि के प्रभाव से गरीब किसान, मजदूरों की बेचैनी आसमा छूने लगी है। जो राहत राशि के लिए हल्का पटवारियों के साथ तहसीलों का चक्कर लगाने लगे है।इन गरीब किसानों को राहत राशि मिले या न मिले पर प्रशासनिक अधिकारी -कर्मचारियों के जेब की फसल पकने लगी है।क्योंकि इन गरीब मजदूर किसानों को अच्छी तरह पता है कि कर्मचारियों को विना खुश किए जीवन का उद्धार नही होने वाला है।


 


किसान सम्मान निध से बंचित है अधिकांश किसान---- भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली किसान सम्मान निधि की राशि से मझौली कुसमी ब्लॉक के अधिकांश किसान आज भी वंचित है क्योंकि जिम्मेदार अधिकारियों को खुश करने के लिए इन गरीब किसानों के पास कोई अन्य साधन  नहीं था। केवल निवेदन करते रहे उन्हें क्या पता की आज के जमाने में निवेदन का कोई महत्व नहीं रह गया है गरीबों के सुनने वाला अब कोई नहीं उन्हीं की फसल नष्ट होती है उन्हीं को शासन द्वारा लाभ प्रदान किया जाता है जो प्रशासनिक अधिकारियों को खुश करने में सक्षम है।


 


किन गावो में कितनी नुकसानी::-- हमारे मझौली जागरण टीम द्वारा मझौली ब्लाक के कई गांव का भ्रमण किया गया जिसमें चमराडोल ,बोदरी, पोड़ी,पाण्ड,धौनौली, खमचौरा, नेबूहा,टेकर, जमुआ न.2,देवरी,अमेदिया, ताला, भैसवाही, बंजारी, छुही आदि का जायजा लिया गया जिसमें सबसे ज्यादा नुकसानी खमचौरा, नेबूहा,बगैहा में देखने को मिला।


 


 


  -इनका कहना है ----1-खमचौराक्षेत्र में ओला गिरने से फूल वाले दलहन,तिलहन फसल के साथ गेहू की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हुए हैं। इसका प्रभाव आस -पास के गांवों में भी पड़ा है। -- सुरेंद्र सिंह खमचौरा


 


 


2- ओले गिरने से से अरहर चना,सरसो,गेहू की फसल के साथ  आम बृक्ष में भी प्रभाव पड़ा है आम में फूल आ रहा था जो झड़ गया है।हमारे गाँव मे सब्जी की खेती ज्यादा होती है जिसका काफी नुकसान हुआ है। ।-------सत्यदेव लोनी अमेदिया।


  


3- हमारे यहां लगभग 10-12 मिनट तक 30से 40 एमएम केओला गिरा है जिससे अरहर, चना ,सरसो ,गेहूँ की फसल के साथ सब्जी की भी काफी नुकसान हुआ है------लालमणि सिंह देवरी।


4- हमारे गांव में भी छोटे-छोटे बैर जैसे ओले गिरे हैं जिससे सरसों अलसी एवं चने के साथ सब्जियों में ज्यादा प्रभाव पड़ा गेहूं की फसल कुछ हद तक बच गई--------- बूटी कचरे छुही


5- कलेक्टर के निर्देश एसडीएम के साथ हम लोगों द्वारा ब्लॉक के लगभग आधा दर्जन गांवों का भ्रमण किया गया है जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान 65 से70 प्रतिशत खमचौरा -बगैहा में हुआ है ।टीम गठित हो रही हूं सर्वे कार्य अति सीघ्र चालू होगा।----------लालप्रताप सिंह कृषि विस्तारक अधिकारी मझौली


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